213190
दो या अधिक जातियाँ जिनके द्वारा एक समान या अतिव्यापित क्षेत्र को घेरा जाता है वे कहलाती है
1 सिम्पार्टिक जाति
2 एलोपार्टिक जाति
3 सिबलिंग
4 उपजाति
Explanation:
(a) दो अथवा कई स्पीशीज पारितंत्र अवरोध के कारण समान भूगभ्रिय क्षेत्र में जीवित रहते हैं तथा ये अंतराप्रजनन करने में असफल रहते हैं। यह स्पीशीज सिम्पेट्रिक स्पीशीज कहलाती हैं।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213191
ट्राइनोमियल नामकरण का तृतीय नाम है
1 सब-जीनस
2 स्पीशीज
3 सब-स्पीशीज
4 टाइप
Explanation:
(c) कभी-कभी समान स्पीशीज के जीव एक-दूसरे से भिन्न होते हैं क्योंकि ये विभिन्न प्रकार के पर्यावरण के लिये अनुकूलित होते हैं। इस स्थिति में स्पीशीज को पुन: उपस्पीशीज में विभाजित किया जाता है।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213192
किस पुस्तक में द्विनामकरण का उपयोग प्रथम बार किया गया
1 हिस्टोरी नैचुरेली
2 सिस्टेमा नैचुरी
3 हिस्टोरिया नैचुरेलिस
4 हिस्टोरिया प्लाण्टेरम
Explanation:
(b) कैरोलस लिनियस ने अपने सिस्टेमा नेचुरी के दसवें प्रकाशन में द्वि-नामकरण पद्धति को प्रस्तावित किया।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213193
जंतुओं की पहचान के लिये किसके द्वारा “की” का विकास किया गया
213190
दो या अधिक जातियाँ जिनके द्वारा एक समान या अतिव्यापित क्षेत्र को घेरा जाता है वे कहलाती है
1 सिम्पार्टिक जाति
2 एलोपार्टिक जाति
3 सिबलिंग
4 उपजाति
Explanation:
(a) दो अथवा कई स्पीशीज पारितंत्र अवरोध के कारण समान भूगभ्रिय क्षेत्र में जीवित रहते हैं तथा ये अंतराप्रजनन करने में असफल रहते हैं। यह स्पीशीज सिम्पेट्रिक स्पीशीज कहलाती हैं।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213191
ट्राइनोमियल नामकरण का तृतीय नाम है
1 सब-जीनस
2 स्पीशीज
3 सब-स्पीशीज
4 टाइप
Explanation:
(c) कभी-कभी समान स्पीशीज के जीव एक-दूसरे से भिन्न होते हैं क्योंकि ये विभिन्न प्रकार के पर्यावरण के लिये अनुकूलित होते हैं। इस स्थिति में स्पीशीज को पुन: उपस्पीशीज में विभाजित किया जाता है।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213192
किस पुस्तक में द्विनामकरण का उपयोग प्रथम बार किया गया
1 हिस्टोरी नैचुरेली
2 सिस्टेमा नैचुरी
3 हिस्टोरिया नैचुरेलिस
4 हिस्टोरिया प्लाण्टेरम
Explanation:
(b) कैरोलस लिनियस ने अपने सिस्टेमा नेचुरी के दसवें प्रकाशन में द्वि-नामकरण पद्धति को प्रस्तावित किया।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213193
जंतुओं की पहचान के लिये किसके द्वारा “की” का विकास किया गया
213190
दो या अधिक जातियाँ जिनके द्वारा एक समान या अतिव्यापित क्षेत्र को घेरा जाता है वे कहलाती है
1 सिम्पार्टिक जाति
2 एलोपार्टिक जाति
3 सिबलिंग
4 उपजाति
Explanation:
(a) दो अथवा कई स्पीशीज पारितंत्र अवरोध के कारण समान भूगभ्रिय क्षेत्र में जीवित रहते हैं तथा ये अंतराप्रजनन करने में असफल रहते हैं। यह स्पीशीज सिम्पेट्रिक स्पीशीज कहलाती हैं।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213191
ट्राइनोमियल नामकरण का तृतीय नाम है
1 सब-जीनस
2 स्पीशीज
3 सब-स्पीशीज
4 टाइप
Explanation:
(c) कभी-कभी समान स्पीशीज के जीव एक-दूसरे से भिन्न होते हैं क्योंकि ये विभिन्न प्रकार के पर्यावरण के लिये अनुकूलित होते हैं। इस स्थिति में स्पीशीज को पुन: उपस्पीशीज में विभाजित किया जाता है।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213192
किस पुस्तक में द्विनामकरण का उपयोग प्रथम बार किया गया
1 हिस्टोरी नैचुरेली
2 सिस्टेमा नैचुरी
3 हिस्टोरिया नैचुरेलिस
4 हिस्टोरिया प्लाण्टेरम
Explanation:
(b) कैरोलस लिनियस ने अपने सिस्टेमा नेचुरी के दसवें प्रकाशन में द्वि-नामकरण पद्धति को प्रस्तावित किया।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213193
जंतुओं की पहचान के लिये किसके द्वारा “की” का विकास किया गया
213190
दो या अधिक जातियाँ जिनके द्वारा एक समान या अतिव्यापित क्षेत्र को घेरा जाता है वे कहलाती है
1 सिम्पार्टिक जाति
2 एलोपार्टिक जाति
3 सिबलिंग
4 उपजाति
Explanation:
(a) दो अथवा कई स्पीशीज पारितंत्र अवरोध के कारण समान भूगभ्रिय क्षेत्र में जीवित रहते हैं तथा ये अंतराप्रजनन करने में असफल रहते हैं। यह स्पीशीज सिम्पेट्रिक स्पीशीज कहलाती हैं।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213191
ट्राइनोमियल नामकरण का तृतीय नाम है
1 सब-जीनस
2 स्पीशीज
3 सब-स्पीशीज
4 टाइप
Explanation:
(c) कभी-कभी समान स्पीशीज के जीव एक-दूसरे से भिन्न होते हैं क्योंकि ये विभिन्न प्रकार के पर्यावरण के लिये अनुकूलित होते हैं। इस स्थिति में स्पीशीज को पुन: उपस्पीशीज में विभाजित किया जाता है।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213192
किस पुस्तक में द्विनामकरण का उपयोग प्रथम बार किया गया
1 हिस्टोरी नैचुरेली
2 सिस्टेमा नैचुरी
3 हिस्टोरिया नैचुरेलिस
4 हिस्टोरिया प्लाण्टेरम
Explanation:
(b) कैरोलस लिनियस ने अपने सिस्टेमा नेचुरी के दसवें प्रकाशन में द्वि-नामकरण पद्धति को प्रस्तावित किया।
01. THE LIVING WORLD (HM)
213193
जंतुओं की पहचान के लिये किसके द्वारा “की” का विकास किया गया