07. EQUILIBRIUM (IONIC) (HM)
178677
वैद्युत अपघट्य जल में विलेय होकर अपने अवयवी आयनों में वियोजित हो जाते हैं, तो वैद्युत अपघट्य के वियोजन की मात्रा बढ़ती है
1 वैद्युत-अपघट्य का सान्द्रण बढ़ाने से
2 वैद्युत-अपघट्य का सान्द्रण कम करने से
3 तापक्रम कम करने से
4 ऐसे पदार्थ की उपस्थिति से जो समआयन दें
Explanation:
(b) क्योंकि वियोजन की कोटि, विद्युत अपघट्य की सान्द्रता के व्युत्क्रमानुपाती होती है।